शामली: अब घरों से गीला कचरा इधर-उधर पड़ा नजर नहीं आएगा। इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत कैराना में होम कंपोस्टिंग की तैयारी की जा रही है। ऐसा होने के बाद घर पर ही गीले कूड़े-कचरे का जैविक खाद मात्र 40 दिनों में बनाया जा सकेगा, जो पेड़-पौधों में काम आएगा। स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसडर ने नगरपालिका में इसे लेकर बैठक की है।
देश को स्वच्छ बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत मिशन चलाया गया है। स्वच्छता को लेकर तमाम तरह के अभियान भी चलाए जाते हैं। जनता को स्वच्छता के प्रति जागरूक भी करने के प्रयास होते हैं। अब होम कंपोस्टिंग की शुरूआत की गई है। इसके तहत गीले कूड़े का खाद बनाया जा सकेगा। खास बात यह है कि कोई भी शख्स कूड़ा-कचरा अपने घर से बाहर नहीं फेंकेगा और घर पर ही गीले कचरे से खाद बनाई जा सकेगी। कैराना में होम कंपोस्टिंग सिस्टम पर चर्चा की जा रही है।
नगरपालिका में हुई बैठक
मेरठ से जल निगम से आईं स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसडर सना खान ने कैराना नगरपालिका में बैठक की। इस दौरान उन्होंने ईओ हेमराज सिंह पुंडीर और अन्य कर्मचारियों से होम कंपोस्टिंग के बारे में विस्तार से चर्चा की। ब्रांड एंबेसडर ने बताया कि होम कंपोस्टिंग की स्थापना घर-घर की जानी चाहिए और लोगों को इसके प्रति जागरूक भी करें। होम कंपोस्टिंग के बाद स्वच्छता में भी लाभ मिलेगा।
ऐसे तैयार होगी खाद
होम कंपोस्टिंग घर में लगने के बाद स्वच्छता में भी लाभ मिलेगा। इसका फायदा यह भी है कि गीला कचरा बिन में घर में ही रखा जा सकेगा, लेकिन उसमें से कोई बदबू नहीं आएगी। कंपोस्टिंग यूनिट में तीन बिन होंगे, जिसमें गीला कचरा पहले बिन में डालना होता है। भरने पर यह कचरा तीसरे बिन में डालना होगा। पहला बिन दोबारा भरने पर कचरा दूसरे बिन में डालना होगा। 40 दिन में जैविक खाद बनकर तैयार होगी।
मुफ्त सिखाया जाएगा
घरों में होम कंपोस्टिंग यूनिट लगने के बाद उसमें खाद तैयार करने के बारे में नि:शुल्क सिखाया जाएगा। ब्रांड एंबेसडर ने बताया कि होम कंपोस्टिंग में बिन के लिए 1600 रूपये का चार्ज भी लगेगा। यदि किसी के घर से गोबर नालियों में बहता है, तो उसकी सूचना नगरपालिका को दी जा सकती है, जिसकी व्यवस्था की जाएगी।