शामली: जनपद एवं सत्र न्यायालय में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान लंबित चल रहे 463 वादों का निस्तारण किया किया गया। मौके पर लाखों रूपये का जुर्माना भी वसूला गया। जबकि राजस्व न्यायालयों में 237 वाद निस्तारित हुए।
नोडल अधिकारी लोक अदालत व सिविल जज सीनियर डिवीजन शामली स्थित कैराना न्यायाधीश रजनीश मोहन वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को जनपद एवं सत्र न्यायालय शामली के कैराना स्थित प्रांगण में राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन जनपद न्यायाधीश की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय ज्ञानेन्द्र यादव, अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश रजत वर्मा, अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश सुबोध सिंह, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजमंगल सिंह यादव, सिविल जज सीनियर डिवीजन शामली रजनीश मोहन वर्मा, सिविल जज सीनियर डिवीजन कैराना रूचि तिवारी व सिविल जज जूनियर डिवीजन शामली मुक्ता त्यागी ने अपने-अपने न्यायालयों में लंबित वादों का निस्तारण किया। इस दौरान विभिन्न न्यायालयों में लंबित 463 वादों का निस्तारण किया गया। परिवार न्यायालय से संबंधित 49 मुकदमों का निस्तारण किया गया, जिसमें 49 ही परिवारों में विवाद पूर्णत: समाप्त हुआ। विभिन्न दाण्डिक न्यायालयों में 156 मामले सुलह समझौतों के आधार पर निस्तारित हुए, जिनमें 1,75,850 रूपये अर्थदंड की वसूली की गई। दीवानी मामलों में 21 विवाद सुलह समझौतों के आधार पर निस्तारित कर दिए गए, जिनमें दो मामलों में कुल 17,59,531 रूपये के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। वहीं, लोक अदालत में बैंक से कर्ज लिए 118 व्यक्तियों के मामले सुलह समझौतों के आधार पर मुकदमेबाजी की पीड़ा आरंभ होने से पूर्व ही समाप्त हुए और लगभग एक करोड़ 30 लाख रूपये धनराशि का सेटलमेंट बैंकों को प्राप्त हुआ। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन में स्टेट बैंक आॅफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, बैंक आॅफ बड़ौदा व यूनियन बैंक आॅफ इंडिया आदि लगभग नौ बैंकों ने भाग लिया और भारी मात्रा में एनपीए का सेटलमेंट हुआ। इनके अलावा जिलाधिकारी शामली की अध्यक्षता में राजस्व न्यायालयों के द्वारा भी 237 वादों का निस्तारण किया गया।