दृढ़ इच्छा शक्ति, सकारात्मक सोच, नवाचार और सार्थक प्रयास के पर्याय मौ. यामीन


जनपद शामली में मौ० यामीन को एक उत्कृष्ट आदर्श शिक्षक के रूप में जाना जाता है। वर्तमान में ये विकास क्षेत्र कैराना के ग्राम मामौर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत है। ये जनपद शामली में राज्य पुरस्कार से सम्मानित होने वाले सबसे पहले अध्यापक हैं।इनकी विकास यात्रा को जानने और समझने के लिए इनके द्वारा विभिन्न विद्यालयों में किये गये उत्कृष्ट शैक्षणिक कार्यों के बारे में जानने का प्रयास किया गया। मौ० 1994 से सेवारत हैं। इनकी प्रथम नियुक्ति विकास क्षेत्र कांधला के ग्राम गंगेरू के प्राथमिक विद्यालय नंबर एक तथा 2002 में इनकी पदोन्नति जूनियर हाईस्कूल चढाव में हुई।इनका सर्वाधिक समय शामली जनपद के कांधला विकास क्षेत्र के ग्राम गढी दौलत के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में व्यतीत हुआ जहाँ इनका स्थानांतरण इनके द्वारा पूर्व में किये गये उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए किया गया। इस विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने में उनके साथ विद्यालय के समस्त स्टाफ की मेहनत, विद्यालय प्रबंध समिति,ग्राम शिक्षा समिति, अभिभावकों का सहयोग और बेसिक शिक्षा विभाग और जनपद शामली के उच्चाधिकारियों का मार्गदर्शन और सहयोग प्राप्त हुआ। जब इनका स्थानांतरण ग्राम गढी दौलत के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में हुआ उस समय इस स्कूल की स्थिति खंडहर जैसी थी।इसमें बच्चों का नामांकन और उपस्थिति न के बराबर थी।गाँंव गढ़ी दौलत में मुस्लिम बाहुल्य होने के कारण यहाँं अधिकतर बच्चे मदरसों में पढते थे।आधुनिक स्कूली शिक्षा से यहाँ के बच्चे वंचित थे।ऐसी ही स्थिति ग्राम मामौर की है।यह गाँव भी शैक्षिक रूप से बहुत पिछडा हुआ है।इन्होंने मदरसे के संचालकों और अभिभावकों को आधुनिक, तकनीकी,व्यवसायिक शिक्षा के बारे में समझाकर उनको स्कूली शिक्षा के प्रति जागरूक किया। परिणामस्वरूप अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन इनके विद्यालय में कराने लगे। अपने बच्चों की प्रतिभा एवं शैक्षिक योग्यता व परिणाम को देखकर अभिभावक गौरवान्वित महसूस करते हैं।इन्होंने अपने पूरे स्टाफ और विद्यालय प्रबंध समिति, ग्राम शिक्षा समिति,सामाजिक संगठनों,अभिभावक संघ के साथ मिलकर बहुत से नवाचार किए जिस कारण आज बच्चों की उपस्थिति और शैक्षिक गुणवत्ता को ये उच्च श्रेणी मे लेकर आये। 2015 से हर वर्ष राष्ट्रीय खेल दिवस पर 'खेल उत्सव' के नाम से खेल प्रतियोगिता का आयोजन करते है।इसके साथ ही हमने अनेक प्रमुख दिवसों पर शैक्षिक प्रतियोगिताओं की शुरूआत की जैसे 'भारतीय गणितज्ञ रामानुजन' जी के जन्मदिन पर पिछले पाँच वर्षों से लगातार 'गणित सप्ताह', सी वी रमन जी व एपीजे अब्दुल कलाम जी के जन्मदिन पर विज्ञान प्रदर्शनी, क्विज,भाषण,निबंध,रंगोली, चित्रकला प्रतियोगिता तथा स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस के भव्य आयोजन के द्वारा बच्चों के ज्ञानवर्द्धन एवं उत्साहवर्द्धन का प्रयास करते हैं।इनके स्कूल के बच्चे शैक्षिक गुणवत्ता एवं अन्य गतिविधियों में उनकी रुचियों से अभिभावकों की प्रशंसा के पात्र बने जिस कारण विद्यालय की ख्याति दूर-दूर तक फैल गई इसका परिणाम यह हुआ कि प्राइवेट स्कूलों से अभिभावकों का मोह भंग होने लगा और जिस विद्यालय में मौ० यामीन कार्यरत होते हैं उस गाँव के अभिभावक अपने बच्चों का नाम प्राइवेट स्कूलों से कटवा कर उनके विद्यालय में नामांकन कराने लगते हैं।
    मौ० यामीन द्वारा विद्यालय के स्टाफ के सहयोग से किेये गये नवाचारों में प्रमुख रूप से होम टाइम टेबल है।इसमें बच्चों को  स्कूल के साथ-साथ घर पर  समय का सदुपयोग बताते हुए घरेलू शैक्षिक टाइम टेबल बनवाया गया।ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतर अभिभावक बच्चों से घरेलू कार्यों की अपेक्षा करते हैं। इसमें बच्चा घर के सारे काम निपटाने के बाद होम टाइम टेबल के अनुसार अध्ययन कार्य करता है।हर वर्ष अप्रैल-मई में फसल कटाई पर ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी अपने अभिभावकों के सहयोग हेतु खेतों में चले जाते हैं।अत: इस माह में छात्र उपस्थिति नियमित करने हेतु समर कैंप में मनोरंजक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।अन्य सहयोगी गतिविधियों में विद्यालय में हर वर्ष आरटीई और नामांकन मेला,स्काउट/गाइड,योगा,मार्शल आर्ट्स कैंप का आयोजन किया जाता है।
 मामौर और गढी दौलत मुस्लिम बाहुल्य गाँव हैं ।इन गाँव के लोग लड़कियों को स्कूलों में बहुत कम भेजते थे।इनके प्रयास से विद्यालय में हर वर्ष लडकियों की संख्या में वृद्धि होने लगी।पांच वर्ष पूर्व पूर्व माध्यमिक विद्यालय गढी दौलत और वर्तमान में पूर्व माध्यमिक विद्यालय मामौर में 'मीना मंच' का गठन किया था। 'मीना की दुनिया' और 'आओ अंग्रेजी सीखें' रेडियों प्रसारण के उपरांत शैक्षिक गतिविधियों द्वारा बालिकाओं को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढाने का प्रयास किया गया।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से अंतर्राष्ट्रीय संगठन यूनिसेफ द्वारा जीवन कौशल पर आधारित विद्यालय की डॉक्युमेंट्री फिल्म का निर्माण किया गया जिस कारण पूर्व माध्यमिक विद्यालय गढी दौलत  राष्ट्रीय स्तर पर (यूनिसेफ के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर) पर पहचान मिली।जनवरी 2018  में बेसिक शिक्षा विभाग शामली की ओर विभाग एवं विद्यालय के नवाचारों का प्रस्तुतीकरण बेसिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ में किया गया।
  2016 में शिक्षक दिवस पर मौ० यामीन को राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार के इस वर्ष मार्च में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित और इसी वर्ष राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से राज्य आईसीटी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया।शामली में मिशन शिक्षण संवाद वाट्सअप ग्रुप में जनपद के विद्यालयों को जोडकर नवाचार और शैक्षणिक गतिविधियों को साझा कर एक दूसरे को प्रेरित किया गया।
   इन सभी उपरोक्त विशेष कार्यों एवं नवाचारों के द्वारा आज मौ० यामीन का नाम जनपद शामली के उत्कृष्ट अध्यापकों में गिना जाता है।
 वर्तमान में मौ० यामीन समायोजन प्रक्रिया के अंतर्गत  स्थानांतरित होने पर जनपद शामली के ब्लॉक कैराना के पूर्व माध्यमिक विद्यालय मामौर में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत हैं और उसी ऊर्जा और कार्यशैली से शिक्षण कार्यों द्वारा विद्यालय के बच्चों को विकास की ओर ले जाने हेतु प्रयासरत हैं।वैश्विक महामारी के ऐसे नाजुक समय में अप्रैल से इनके द्वारा बच्चों को लगातार ऑनलाइन पढाया जा रहा है।
     इस प्रकार प्रगतिशील सकारात्मक सोच से एक एक परिवर्तन करते हुए मौ० यामीन और सहयोगी स्टाफ द्वारा विद्यालय की विकाम यात्रा को मंजिल की ओर बढाया जा रहा है।