प्रकृति से प्रेम करें (5 जून पर्यावरण दिवस पर विशेष)
हम 5 जून को हर वर्ष पर्यावरण दिवस मनाते हैं। ऐसा लिए कि पृथ्वी पर उपस्थित सभी प्राकृतिक संसाधनों के रूप में संपत्ति का सम्मान, प्रोत्साहन करने के साथ ही लोगों के बीच प्राकृतिक संतुलन के विचार को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्हें जागरूक किया जा सके अर्थात हर साल पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्थन प्रदर्शित करने के लिए पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। हमेशा स्वस्थ और जीवित रहने के लिये पर्यावरणीय मसलों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है क्योंकि जाने अनजाने में लोग निर्दयतापूर्वक इसके संसाधनो का अंधाधुंध प्रयोग कर रहें हैं और सदियों से इसके जीवन समर्थक संसाधनों को जर्जर कर रहें हैं। इस वर्ष की थीम है 'ऑनली वन अर्थ' यानी केवल एक पृथ्वी' क्योंकि संपूर्ण ब्रहमांड में करोड़ों आकाशगंगाएं हैं। उन आकाशगंगाओं में करोड़ों सौरमंडल हैं। उन्हीं सौरमण्डल में से हमारी पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन हैं क्योंकि जीने के लिए जो आवश्यक तत्व चाहिए, वें केवल पृथ्वी पर ही हैं जिसमें सबसे आवश्यक जल और वायु हैं। हम आज कल प्लास्टिक और उससे बनी वस्तुओं का सर्वाधिक प्रयोग करने लगे हैं।प्लास्टिक व पॉलीथिन का कचरा नदियों के द्वारा समुद्र में चला जाता है जिससे समुद्री जीव प्रजातियों के जीवन पर प्रतिकूल असर पड़ता है। उद्योगों से निकलने वाले जहरीले पदार्थों को मिलने से नदियों का सूखना, पर्यावरण दूषित होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण है जो ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि की ओर ले जा रहा है। रोजाना बढ़ते औद्योगिकीकरण वनों की कटाई की ओर ले जा रहें हैं जो अंतत: धरती के तापमान को बढ़ाने का कारण बनेगा जो धरती पर जीवन के लिये खतरा है जिसको कुछ छोटे उपायों को अपनाकर कम किया जा सकता है, जैसे जल को बचाने के साथ साथ उसके दुरुपयोग को रोकना, पेड़-पौधे लगाना, वनों की कटाई को रोकना, वायु प्रदूषण को रोकने के लिये वाहनों के इस्तेमाल को कम करना, बिजली के गैर-जरुरी इस्तेमाल को घटाने के द्वारा ऊर्जा संरक्षण को बढ़ाना।यही छोटे कदम बड़े कदम बन सकते हैं।आज के दिनों में सब कुछ या तो प्लास्टिक के थैलों में पैक होता है या दुकानदार के द्वारा इसमें दिया जाता है। प्लास्टिक थैलों का उत्पादन दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है, उसे बिल्कुल कम कर दें और कपड़े के थैले का प्रयोग करें। सभी लोग पर्यावरण दिवस को अलग अलग ढंग से मना सकते हैं।जैसे- जरुरी स्थानों पर नये पौधा-रोपण करें।भूमि और जल प्रदूषण को टालने के लिये प्लास्टिक थैलों के इस्तेमाल में कमी लाने के लिये लोगों को प्रोत्साहित करना।पुराने सामानों का पुनर्चक्रण और दोबारा प्रयोग करने के बारे में अपने बच्चों को सिखाना।सड़क, पार्क और दूसरी जगहों से गंदगी हटाने में भाग लेना।ऐसी गतिविधियों में भाग लें जो पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित हो और ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने के लिये अधिक से अधिक व्यक्तियों को प्रोत्साहित करें।विभिन्न व्यवहारिक संसाधनों के द्वारा ऊर्जा संरक्षण के लिये लोगों को बढ़ावा दें।हम सभी मिलकर लोगों को शिक्षा दें कि हर दिन पर्यावरण दिवस है, इसलिये हर दिन उन्हें उसके संरक्षण का ध्यान रखना चाहिये।कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के कारण लगे लॉकडाउन ने हमें संयमित, अनुशासित और पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली के अनुसार जीना सिखाया है जिस दौरान पर्यावरण बहुत ही स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त रहा।अगर हम सप्ताह या महीने में एक दिन भी लॉकडाउन के अनुसार जियें और पेट्रोलियम पदार्थों के यातायात साधनों के स्थान पर पैदल या साईकिल और कपडे के थैलों का प्रयोग करें और वृक्षों को गोद लेकर उनकी देखरेख करें तो बहुत हद तक हम पर्यावरण का संरक्षण कर सकते हैं
-मौ० यामीन (राज्य व राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक) बडौत जनपद बागपत