डॉ शिखा कौशिक नूतन को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड लन्दन के गोल्ड एडीशन ने स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति- पत्र प्रदान कर किया सम्मानित

- अंतर्राष्ट्रीय वागीश्वरी सम्मान से भी किया गया सम्मानित 

नई दिल्ली। हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में तहसील कैराना क्षेत्र के कस्बा कांधला की मूर्धन्य साहित्यकार डॉ शिखा कौशिक द्वारा एक बार फिर जनपद शामली और कांधला कस्बे का नाम अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय पटल पर रोशन किया है।     
       विधि भारती परिषद द्वारा भारत की आज़ादी के अमृत महोत्सव के शुभ अवसर पर सम्मान समारोह एवं वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड अंतरराष्ट्रीय काव्य संग्रह "काव्य सलिला" के लोकार्पण समारोह का हिन्दी भवन निकट बाल भवन नई दिल्ली में 23 जुलाई 2022 दिन शनिवार को आयोजन किया गया। जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एवं पूर्व प्रमुख लोकायुक्त न्यायमूर्ति शम्भू नाथ श्रीवास्तव द्वारा डॉ शिखा कौशिक को भारत के रेमन मैग्सेसे अवार्डीस पर प्रथम अंतर्राष्ट्रीय काव्य संग्रह "काव्य सलिला" के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड लन्दन के गोल्ड एडीशन , स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। विधि परिषद द्वारा डॉ शिखा कौशिक नूतन को अंतर्राष्ट्रीय वागीश्वरी सम्मान से भी सम्मानित किया गया। डॉ संतोष खन्ना द्वारा संपादित प्रस्तुत पुस्तक 'काव्य सलिला' में डॉ शिखा कौशिक ने रोम की साहित्यकार वेल्थी हान्सिंगर फिशर का परिचय और कविता लिखी  हैं। 
    डॉ शिखा कौशिक ने बताया कि वेल्थी हांन्सिंगर फिशर नेहरू साक्षरता पुरस्कार, भारत से सम्मानित होने वाली प्रथम विभूति थी तथा भारत सरकार द्वारा वेल्थी हान्सिंगर फिशर की स्मृति में 18 मार्च 1980 को एक डाक टिकट भी जारी किया गया था। भारत द्वारा इतने उच्च स्तर पर सम्मानित होने वाली वह एकमात्र अमेरिकी हैं।
           कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकसभा के पूर्व महासचिव एवं प्रतिष्ठित संविधान विशेषज्ञ पद्मभूषण डॉ सुभाष कश्यप ने की। जिसमें पूर्व सांसद एवं अध्यक्ष संसदीय हिन्दी परिषद सत्या बहिन, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ पूरनचंद टंडन, आर्ट ऑफ लिविंग संकाय के प्राचार्य तिलक राज टक्कर, प्रतिष्ठित साहित्यकार पद्मश्री डॉ श्याम सिंह शशि, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड, यू. के. की वाईस प्रेसिडेंट सपना सुकुल, विधि भारती परिषद की महासचिव डॉ संतोष खन्ना आदि ने संबोधित किया। 
       उक्त कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ पूनम माटिया, डॉ कीर्ति गोयल, डॉ निशा केवलिया द्वारा एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद प्रोफेसर मंगला रानी द्वारा किया गया।