हत्या के मामले में आधा दर्जन को आजीवन कारावास की सुनाई सजा, जुर्माना भी लगाया
हाथरस। सेशन कोर्ट ने जानलेवा हमला और हत्या के एक मामले में परीक्षण के दौरान शासकीय अधिवक्ता राजपाल सिंह दिशवार की दलीलों को सही पाते हुए, सभी आधा दर्जन आरोपियों दोषी करार दिया। कोर्ट ने सभी को आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई है। पीड़ित द्वारा एक प्रथम सूचना रिपोर्ट 24 अक्तूबर, 14 को दर्ज कराते हुए यह आरोप लगाया था कि 24 अक्तूबर, 14 को शाम 5:30 बजे जब वह अपने खेत से आ रहा था तो पहले से घात लगाए बैठे अभियुक्तगणों ने,  जिनके हाथों में लाइसेंसी असला और बंदूकें थी, पीड़ित को घेर लिया और विनोद कुमार के हाथ में लाठी, शिवकुमार के हाथ में फरसा था। पीड़ित को जब आरोपियों ने मारना शुरू किया तो वह चिल्लाया। उसकी चीखों को सुनकर पीड़ित के भाई बृजेंद्र व पिता आदि आदि लोग आ गए। यह देखकर आरोपियों ने पीड़ित के परिवार पर  जान से मारने की नियत से फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में उसके भाई बृजेंद्र की मौत हो गई। विवेचना के बाद पुलिस ने आरोपीगणों के विरुद्ध आरोप-पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। जिसमें दस्तावेजों के रूप में अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता राजपाल पाल सिंह दिशवार ने करीब 40 दस्तावेजों को साबित किया गया और वस्तुओं के रूप में 35 वस्तुएं साबित की। साथ ही 10 गवाहों को भी परीक्षित कराया गया।

👉 क्या रहा न्यायालय का निर्णय: 
न्यायालय अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या दो हाथरस विनीत चौधरी द्वारा सत्र-परीक्षण संख्या 35/ 2015 राज्य बनाम रामकुमार आदि धारा 147, 148, 149, 307 व 302 आईपीसी थाना चंंदपा हाथरस जो अपराध संख्या 430 / 2014 से संबंधित है, मैं अभियुक्तगण रामकुमार पुत्र सूरजपाल, गौरव पुत्र रामकुमार, हीरू पुत्र रामकुमार,  विनोद कुमार पुत्र सूरजपाल, रोहिताश पुत्र सूरजपाल व पवन कुमार पुत्र विनोद कुमार को दोषी करार दिया। साथ ही अभियुक्तगण राम कुमार, गौरव, पवन, रोहिताश, विनोद व हीरू को धारा 302 सपठित 149 आईपीसी में आजीवन कारावास व बीस के अर्थदंड से दंडित किया है। साथ ही अर्थदंड अदा न करने पर दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास तथा अभियुक्त रामकुमार, गौरव, पवन, रोहिताश, विनोद व हीरू को धारा 307 सपठित 149 में दस-दस वर्ष का सश्रम कारावास व दस हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।
      अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। साथ ही न्यायालय ने यह आदेश दिया है कि अभियुक्तगण से बतौर जुर्माना वसूल पाए जाने वाली रकम में से आधी धनराशि चुटैल व मृतक के पिता विपती सिंह को देय होगी।