मामौर मे रात के अंधेरे में यमुना नदी का चीरहरण


👉  एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे रेत माफिया

👉 वीडियो वायरल होने पर डीएम ने दिए जांच के निर्देश

कैराना। क्षेत्र में रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। वैध पट्टे की आड़ में माफिया रात के अंधेरे में यमुना नदी का चीरहरण कर रहे हैं, जिसके चलते एनजीटी के आदेशों की खुली धज्जियां उड़ाई जा रही है। रात में मामौर गांव में यमुना से रेत खनन करने की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। मामला संज्ञान में आने पर डीएम ने जांच के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद भी खनन विभाग और प्रशासन चुप है।
        वैसे तो सरकारी स्तर पर आवंटित किए जाने वाले बालू पट्टों पर राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की गाइडलाइन के अनुरूप सूर्य उदय से सूर्यास्त तक ही खदान की अनुमति दी गई है, लेकिन खनन माफियाओं की मनमानी यमुना नदी के अस्तित्व पर भारी पड़ती नजर आ रही है। कैराना क्षेत्र के गांव मामौर में भी वैध पट्टे की आड़ में कुछ ऐसा ही खेल चल रहा है। माफियाओं ने तमाम नियम-कायदों को ठेंगे पर रख दिया है और दिन-रात भारी भरकम मशीनों द्वारा यमुना नदी का सीना छलनी किया जा रहा है। शनिवार को सोशल मीडिया पर रात के अंधेरे में यमुना नदी से रेत खनन किए जाने की वीडियो वायरल हुई है। वीडियो में आवाज सुनाई पड़ रही है कि गांव मामौर में रात के समय में खनन हो रहा है और रेत की चांदी काटी जा रही  है।
       वहीं, वायरल वीडियो में पोर्कलेन मशीन यमुना नदी की जलधारा के अंदर से रेत निकालती नजर आ रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि खनन माफिया कितने बेलगाम हो चुके हैं और उन्हें एनजीटी हो या प्रशासन, किसी कार्रवाई का कोई खौफ नहीं रहा है। खनन के काले कारोबार में जुटे माफिया यमुना नदी के अस्तित्व को मिटाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं और वें सरकार को प्रतिदिन भारी राजस्व की हानि भी पहुंचा रहे हैं।
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👉 यमुना के गहरे कुंड मचाते हैं तबाही
नियमों को धता बताकर यमुना नदी से खनन करने वाले माफियाओं के कारनामे किसानों के लिए तबाही का सबब बनते हैं, क्योंकि माफिया यमुना नदी की बहती जलधारा के अंदर से पोर्कलेन मशीन के माध्यम से खनन कर गहरे कुंड बना देते हैं और जब-तब पानी आता है, तो यमुना नदी में भूमि कटाव के कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचता है। पूर्व में यह दंश किसान झेल चुके हैं। इसके अलावा यमुना नदी में हादसे की आशंका भी रहती है और बरसात के दिनों में क्षेत्र में बाढ़ की आशंका भी तटवर्ती बाशिंदों को सताने लगती है।
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👉 चर्चाओं में रहा मामौर प्वाइंट, मिलती रही खामियां
मामौर खनन प्वाइंट अक्सर चर्चाओं में रहा है। एनजीटी की गाइडलाइन के विरुद्ध यमुना नदी पर अस्थाई पुल बांधने, जलधारा से छेड़छाड़ करने का मामला हो या फिर रात में खनन करने का, यहां माफियाओं की करतूतें अधिकारियों की कार्यशैली को भी कटघरे में खड़ी करती नजर आई है। हालांकि, अधिकारियों की जांच में पूर्व में खनन प्वाइंट पर भारी अनियमितताएं भी उजागर हुई थी, जिसके बाद पट्टाधारक पर जुर्माने की कार्यवाही सुनिश्चित की गई थी। बीते दिनों एसडीएम कैराना शिवप्रकाश यादव की छापेमारी में भी खनन प्वाइंट पर कांटे में गड़बड़ी पाई गई थी।
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👉 निगरानी तंत्र फेल, कैसे रुके रेत का खेल ?
जिले में खनन से जुड़े मामलों की शिकायतों के चलते डीएम जसजीत कौर ने टास्क फोर्स का गठन किया हुआ है। मकसद तो यही है कि माफियाओं की धींगामुश्ती पर अंकुश और नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जा सके। बावजूद इसके निगरानी तंत्र फेल नजर आ रहा है। खनन विभाग और स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। जबकि टास्क फोर्स की कार्रवाई भी दिखाई नहीं दे रही है। ऐसे में रातों में चल रहे खनन के खेल पर कैसे शिकंजा कसा जाएगा, यह समझ से परे हैं। अब देखना यह है कि इस ओर उच्चाधिकारी संज्ञान लेकर क्या कार्यवाही सुनिश्चित करा पाएंगे, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
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👉 डीएम ने लिया संज्ञान, बनाई टीम
डीएम शामली जसजीत कौर का कहना है कि वीडियो पर संज्ञान लिया गया है। वीडियो में खनन करते दिख रहा है। मशीन भी नजर आ रही है। इसे लेकर एसडीएम, खनन अधिकारी व सीओ की संयुक्त टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच उपरांत जुर्माना और एफआईआर की कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाएगी।