बुखार से 11 साल के बच्चे की मौत


— सीएचसी में चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने का आरोप
— बच्चे की मौत से परिजनों में मचा कोहराम

कैराना। सूबे में योगी सरकार राजकीय अस्पतलों की दशा सुधारने को लाख जतन करें, लेकिन शायद चिकित्सक धींगामुश्ती से बाज नहीं आ रहे हैं। सीएचसी में एक 11 वर्षीय बच्चे को चिकित्सा सेवा नहीं मिलने का आरोप लगा है। परिजनों का आरोप है कि बच्चे की मौत हो जाने के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। बच्चे को बुखार की शिकायत पर अस्पताल में लाया गया था। उसकी मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।
        नगर के मोहल्ला आलखुर्द निकट नौगजा पीर निवासी इस्लाम ने बताया कि वह पंजाब में नौकरी पर ट्रैक्टर चलाने के लिए गया हुआ था। उसके 11 वर्षीय पुत्र अयान को रविवार रात करीब 12 बजे बुखार की शिकायत हुई और उसे सांस में दिक्कत आने लगी, जिसके बाद बच्चे की मां सायरा उसे उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर पहुंची। इस्लाम का आरोप है कि अस्पताल में उसके बेटे को इलाज नहीं मिल सका। तभी इमरजेंसी में एक पुलिसकर्मी पहुंचा, जिसके हस्तक्षेप के बाद एंबुलेंस को बुलाया जा सका है। आरोप है कि जब बच्चे की सीएचसी में मौत हो गई, तब उसे रेफर कर दिया गया। मृत अवस्था में बच्चे को एंबुलेंस में लेटाने के बाद उसके अंगूठे लगाए गए। वहीं, बच्चे की मौत से उसके परिजनों में कोहराम मच गया। सोमवार दोपहर बगैर किसी कानूनी कार्रवाई के गमगीन माहौल में बच्चे के शव को कब्रिस्तान में सुपुर्द—ए—खाक कर दिया गया। दूसरी ओर, सीएचसी चिकित्साधीक्षक डॉ. शैलेंद्र चौरसिया का कहना है कि रात के समय बच्चे को सीएचसी में लाया गया था। बच्चा लगभग 15 दिन से बीमार था। उसे दौर टाइप की हरकत और हिचकियां आ रही थी। गंभीर हालत में सीएचसी से रेफर किया गया था, जिसकी बाद में रास्ते में मौत की सूचना मिली है।