मोटा अनाज हमारे स्वास्थ्य और सेहत के लिए उत्तम है : रीता चौहान
कैराना। प्राथमिक विद्यालय बदलूगढ़ मे विभागीय निर्देशानुसार मे सहायक अध्यापिका रीता चौहान ने  बच्चों को मोठे अनाज के विषय मे समझाते हुए बताया कि मोटे अनाज के अंतर्गत आठ फसलें शामिल हैं इसमें ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू को मोटा अनाज की फसल कहा जाता है। ये फसलें आम तौर पर सीमांत और असिंचित भूमि पर उगाई जाती हैं, इसलिए इनकी उपज स्थायी खेती और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करती है। 
       शुक्रवार को उन्होंने आगे बताया कि मोटा अनाज में पोषक तत्व की मात्रा अधिक होती है इसमें सॉल्युबल फाइबर के साथ ही कैल्शियम और आयरन की मात्रा अधिक होती है। मोटे अनाज को कुपोषण के खिलाफ लाभकारी माना जाता है। मोटा अनाज का सेवन कई बीमारियों से बचाव करता है और हमारे स्वास्थ्य को उत्तम रखता है । पहले हमारे पूर्वज अधिकतर मोटे अनाज का प्रयोग करते थे और स्वस्थ रहते थे अब समय आ गया है की हमे पुनः उनका ही अनुसरण करना चाहिए । इसलिए मोटे अनाज के लाभ और  प्रयोग के लिए सभी बच्चों को अपने मम्मी पापा को भी समझाना चाहिए।