रावण को श्राप दे सती हुई वेदवती, सीता का हुआ जन्म

                                           
👉 शंकर भगवान ने दी रावण को चंद्रहास तलवार    

कैराना नगर के गौऊशाला भवन में चल रहे श्रीरामलीला महोत्सव के दूसरे दिन रावण व वेदवती संवाद की लीला का मंचन किया गया। 
     गौऊशाला भवन में आयोजित श्रीरामलीला मंचन का शुभारंभ डाक्टर रामकुमार गुप्ता ने द्वीप प्रजलित कर किया। मंचन के के दौरान कलाकारों ने दर्शाया कि रावण जंगलों में घूम रहा था। इस बीच उसकी नजर एक सुंदर कन्या पर पड़ती है, जिसे देख कर वह मोहित हो जाता है। रावण उसको अपने वश में करने के लिए हरसंभव प्रयास करता है, लेकिन विष्णु भगवान की भक्त वेदवती रावण की बातें नहीं मानती है। जिस कारण रावण उसके शरीर को स्पर्श कर देता है। इससे क्रोधित होकर वेदवती सती हो जाती हैं और रावण को श्राप देती हैं कि वह मिथिलापुरी से दोबारा जन्म लेंगी और रावण के नाश का कारण बनेंगी।
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👉 हल चलाते समय मिला घड़ा
मंचन के दौरान दिखाया गया कि मिथिलापुरी के राजा जनक जब अपनी पत्नी के साथ आपदा और सुखा पड़ने के कारण हल चलाते होते हैं, तो एक घड़े से सीता का जन्म होता है। इसके बाद दिखाया गया कि रावण जिस समय कैलाश पर्वत से गुजर रहा होता है तो नंदी गण उसे रोकते हैं। वे उसे समझाते हैं कि यह शंकर भगवान का कैलाश पर्वत है। उनकी अनुमति के बिना इस कैलाश पर्वत से पक्षी भी नहीं गुजरते हैं। लेकिन रावण नंदी की बात नहीं मानता है और उन्‍हें कैलाश पर्वत को उखाड़ फेंकने की चेतावनी देता है। जब रावण कैलाश पर्वत को उखाड़ने का प्रयास करता है तो पर्वत हिलता भी नहीं है। इसके बाद रावण भगवान भोलेनाथ की पूजा करता है और क्षमा याचना करता है।
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👉 भगवान शिव ने रावण को दिया चंद्रहास
इसके बाद भगवान शिव रावण की पूजा से प्रसन्न होकर उसे चंद्रहास नामक तलवार देते हैं। वह यह भी बताते हैं कि जिस दिन तू इसकी पूजा नहीं करेगा, वह दिन तेरे जीवन का अंतिम दिन होगा। इसके उपरांत रावण का दरबार सजाया जाता है। वहां पर रावण अपने पुत्र मेघनाद को ऋषि, मुनि आदि से कर वसूलने के लिए आदेश देता है। इसके बाद मेघनाद सबसे पहले काल को पकड़ कर लाता है। मेघनाद द्वारा ऋषि-मुनियों से जो कर वसूला जाता है, उसे मिथिलापुरी में दबा दिया जाता है, जिससे सीता का जन्म होता है। 
      श्रीरामलीला मंचन के दौरान रावण का अभिनय सभासद शगुन मित्तल एडवोकेट, वेदवती का शिवम गोयल, मारीच का मणि गण का सोनू कश्यप और राकेश गर्ग, भगवान शिव का सोनू मित्तल, जनक का प्रिंस सिंघल व मेगनाथ का तुषार वर्मा ने किया।                 कैलाश पर्वत रावण दरबार की बहुत ही सुंदर झांकियो का दृश्य सीनरी डायरेक्टर सुनील कुमार टिल्लू के द्वारा प्रस्तुत किया गया। 
       इस अवसर पर जयपाल सिंह कश्यप एडवोकेट-अध्य्क्ष, आलोक गर्ग- महासचिव, राकेश वर्मा, अनिल मित्तल, संजीव जैन, दामोदर सैनी, आलोक चौहान एडवोकेट, डाक्टर राम कुमार गुप्ता, सूरज वर्मा, अतुल गर्ग,  पंकज सिंघल, संजू वर्मा, राकेश गर्ग, मोहनलाल आर्य, शगुन मित्तल, विजय नारायण, राकेश वर्मा, सतीश कुमार, अभिषेक गोयल, राकेश, अंकित, अमित, राजेश नामदेव, वीरेंद्र वशिष्ठ, डिंपल अग्रवाल, आशीष सैनी, आशीष नामदेव, रवि नामदेव, आयुष, अमित सैन, आशु, राकेश सप्रेटा, सन्नी, सुशील सिंघल, रोहित, अश्वनी सिंघल, डॉक्टर सुशील, अरविंद मित्तल, नीरज गर्ग, तुषार वर्मा, अनुज, राकेश, सूरज वर्मा, अभिषेक शर्मा, अनमोल, निक्की, सचिन शर्मा, पप्पू , गौरी नामदेव, अमन गोयल, शिव, पंडित मोहित शर्मा,  रोहित, आशु गर्ग, सतीश प्रजापत, ऋषिपाल, प्रमोद गोयल व सोनू नेता आदि मौजूद रहें। 
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