इंद्र का डोला सिंहासन, नारद ने दिया श्राप


 
👉 कैराना में रामलीला मंचन का शुभारंभ
👉 रामलीला मंचन के दौरान कलाकारों ने अपने अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया। 
कैराना (शामली)। श्रीगौऊशाला भवन में श्री रामलीला महोत्सव का शुभारंभ पर अपर जिलाधिकारी शामली संतोष सिंह, उप जिलाधिकारी कैराना स्वप्निल कुमार यादव, कोतवाली कैराना प्रभारी वीरेंद्र कसाना वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल चौहान व पंकज वालिया के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। जिसमें पंडित वीरेंद्र कुमार वशिष्ठ के द्वारा मंत्र उच्चारण के साथ पूजा अर्चना कराई गई।
       रविवार की रात कैराना नगर में रामलीला महोत्सव मंचन का शुभारंभ नारद लीला से किया गया। मंचन में दिखाया गया कि नारद जी चारों लोक के चक्कर काट रहे थे। रास्ते में हिमगिरी पर्वत पर उनकी इच्छा हुई कि वो इस शांत स्थान पर तपस्या करें। वह ध्यानमग्न होकर समाधि में बैठ गए। यह जानकारी स्वर्ग के राजा इंद्र को हुई तो वह बेहद परेशान हुए और उनका सिंहासन डोलने लगा।
           सिंहासन डोलने के बाद वह अपने सेवक कामदेव और रंभा आदि परियों को नारद जी की तपस्या भंग करने के लिए भेजते हैं। लेकिन कामदेव नारद जी की तपस्या भंग नहीं कर पाते हैं और नारद जी से क्षमा मांगते है। इसी दौरान रंभा आदि परियां भी नारद जी की तपस्या को भंग नहीं कर पाते हैं। जिससे उत्साहित होकर नारद जी अपना वृत्तांत बताने के लिए कैलाश पर्वत पर भगवान शंकर के पास जाते हैं। भगवान शंकर नारद जी की इच्छाशक्ति देख उनके पीछे दूत के तौर पर अपने दोनों गणों को भेज देते हैं। उसके उपरांत नाराज नारद जी अपने पिता ब्रह्माजी और विष्णु भगवान के पास जाकर अपने यश को फैलाते हैं। विष्णु भगवान के आदेश पर शील निधि राजा अपनी पुत्री विश्वमोहिनी के स्वयंवर के लिए मुनादी कराते हैं। जिसमें नारद जी भी आते हैं। इससे पूर्व नारद जी शीलनिधि की पुत्री विश्वमोहिनी का हाथ देखकर बताते हैं कि वह बहुत ही भाग्यशाली हैं। स्वयंवर में नारद जी काफी प्रयास करते हैं परंतु विश्वमोहिनी चुपचाप विष्णु भगवान को माला डाल देती हैं। नारद जी बहुत क्रोधित होते हैं।
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👉 नारद जी ने दिया गणों को श्राप
विष्णु भगवान  नारद जी के मुंह और मस्तक पर रंग लगाकर उनका वानर का रूप बना देते हैं। क्रोधित नारद जी को जब यह पता लगता है तो वह अत्यंत क्रोधित हो जाते हैं और शंकर भगवान के गणों को श्राप देते हैं कि 'तुम अगली जन्म में राक्षस बनोगे और क्रोधित हो कर चले जाते हैं। नारद जी विष्णु भगवान पर भी काफी क्रोधित होते हैं और उन्हें भी श्राप देते हैं कि जिस प्रकार में पत्नी के वियोग में तड़प रहा हूं अगले जन्म में तुम भी उसी प्रकार पत्नी के वियोग में तड़पोगे। हिमालय और कैलाश पर्वत की बहुत ही सुंदर झांकियो का दृश्य डायरेक्टर सुनील कुमार टिल्लू के द्वारा प्रस्तुत किया गया। दर्शकों ने कलाकारों के अभिनय की प्रशंसा की। 
         श्री रामलीला मंचन के दौरान नारद का अभिनय पंडीत मोहित शर्मा, नट का अभिनय रोहित, नटनी सागर मित्तल और गण का अभिनय सोनू कश्यप व आशु गर्ग, विष्णु भगवान का अभिनय सतीश प्रजापत, लक्ष्मी जी का अभिनय शिवम गोयल, शील निधि का अभिनय ऋषिपाल , कामदेव का अभिनय पुनित गोयल, रंभा आदि परियों का अभिनय सागर इंद्र का अभिनय प्रमोद गोयल, शंकर भगवान का अभिनय सोनू नेता ने किया।  
         इस दौरान जयपाल सिंह कश्यप एडवोकेट-अध्य्क्ष,  राकेश वर्मा, अनिल मित्तल, संजीव जैन, दामोदर सैनी, आलोक चौहान एडवोकेट, आलोक गर्ग-महासचिव, डाक्टर रामकुमार गुप्ता, सूरज वर्मा, अतुल गर्ग,  पंकज सिंघल, संजू वर्मा, राकेश गर्ग, मोहनलाल आर्य, विजय नारायण, राकेश वर्मा, सतीश कुमार, अभिषेक गोयल, राकेश, अंकित, अमित, राजेश नामदेव, वीरेंद्र वशिष्ठ, डिंपल अग्रवाल, आशीष सैनी, आशीष नामदेव, रवि नामदेव, आयुष, अमित सैन, आशु, राकेश सप्रेटा, सन्नी, सुशील सिंघल, रोहित, अश्वनी सिंघल, डॉक्टर सुशील, अरविंद मित्तल, नीरज गर्ग, तुषार वर्मा, अनुज, राकेश, सूरज वर्मा, अभिषेक शर्मा, अनमोल, निक्की, सचिन शर्मा, पप्पू, गौरी नामदेव, शिव,अमन गोयल व सभासद शगुन मित्तल एडवोकेट आदि मौजूद रहें।
     इससे पूर्व श्री रामलीला मंचन से पूर्व नगर पालिका परिषद कैराना प्रशासन की ओर से विशेष साफ-सफाई अभियान चलाया गया और मच्छरों की प्रकोप से बचने के लिए फॉकिंग कराया गया। साथ ही शांति एवं सुरक्षा की दृष्टि से कैराना कोतवाली प्रभारी वीरेंद्र कसाना के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात रहा l