संतो की शरण मे जाने से बदल जाती है मनुष्य की दृष्टिः ब्रह्म स्वरूपानन्द



कांधला। माता वैष्णो मंदिर में चल रही प्रवचन कथा में महाराज जी ने बताया की सत्संग सुनने व सन्तो की शरण मे पहुचने से मनुष्य की दृष्टि बदल जाती है। मनुष्य को सत्संग सुन्ना चाहिए ओर उसका मनन भी करना चाहिए।
        मंगलवार को कांधला कस्बे में स्थित माता वैष्णों मंदिर में चल रही कथा प्रवचन के तीसरे दिन स्वामी विशुद्धानंद महाराज जी के शिष्य स्वामी ब्रह्म स्वरूपानंद महाराज ने अपनी अमृतवाणी करते हुए बताया कि वेदांत सत्संग सुनने से मनुष्य की दृष्टि बदल जाती है। भगवान में मन लगने से मनुष्य की तकदीर बदल जाती है, लेकिन मनुष्य अपने मन को संसार मे लगा लेते है। जिसके कारण अनेको दुःख भुगतता है। 
       महाराज ने बताया कि मनुष्य को अपनी दृष्टि बदल लेनी चाहिए, सृष्टि स्वयं बदल जाएगी। एक स्त्री हमारी दृस्टि में हमारी माता है हमारी बहन है, लेकिन है तो एक स्त्री ही। वैसे ही जैसे हमारी दृष्टि होंगी सृस्टि वैसी ही दिखाई देने लगेगी। भगवान को अगर पाना है तो अपनी दृष्टी बदल लीजिये भगवान आपको कण-कण में दिखाई देंगे। सत्संग सुनने व संतो कि शरण में जाने से मनुष्य कि दृष्टि बदल जाती है। जिसमें मनुष्य को स्वम का ज्ञान हो जाता है। वही सुंदर भजन-कीर्तन के साथ कथा का समापन किया गया। इस दौरान सेकड़ो श्रधांलुओं ने कथा श्रवण की।
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