👉 जमीयत उलमा-ए-हिंद मुजफ्फरनगर जिला इकाई का सर्वसम्मति से चुनाव हुआ सम्पन्न
जिलाध्यक्ष व जिला महासचिव के साथ साथ जिला उपाध्यक्षों तथा जिला सचिवों को सर्वसम्मति से चुना गया। चुनावी सभा का आगाज कारी हुजैफा की तिलावते कलाम से हुआ। चुनावी सभा का संचालन करते हुए मुफ्ती नवेद ने उद्देश्यो पर प्रकाश डाला । चुनावी सभा का आयोजन प्रदेश जमीयत उलमा से आए प्रदेश पदाधिकारियों ने चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में पहुंचकर अपनी देख-रेख में कराया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर कार्यवाही पर अंतरिम रोक का स्वागत करते हुए वक्ताओं ने कहा की जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैय्यद अरशद मदनी ने बुलडोजर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है।
बृहस्पतिवार को शहर के मदरसा चिरागिया मुहम्मद हुसैनिया में जमीयत उलमा-ए-हिंद की जिला इकाई की चुनावी सभा थी। चुनावी सभा को जमीयत उलमा-ए-हिंद के झंडा रोहन के साथ प्रारंभ किया गया। चुनावी सभा में जिले भर से लगभग 400 जमीयत उलमा के सक्रिय सदस्यों ने भाग लेकर सर्वसम्मति से जिला यूनिट का चुनाव किया।
जिलाध्यक्ष के लिए मुफ्ती इंतजार ने मौलाना मुकर्रम अली कासमी का नाम रखा जिसे सभी लोगों ने हाथों को उठाकर अनुमति दी। जिलाध्यक्ष बनने के पश्चात मौलाना मुकर्रम अली कासमी ने जिला उपाध्यक्ष के लिए मुफ्ती इंतजार कासमी, मौ. आसिफ कुरैशी बुढ़ाना,मौलाना सादिक, मौलाना बदर अख्तर, हाजी अजीजुर्रहमान, कारी फुरकान, व जिला महासचिव के लिए मौलाना अब्दुल खालिक कासमी के अलावा जिला सचिव के रूप में मौलाना अब्दुल्लाह सांझक, मुफ्ती मुहम्मद उस्मान, मौलाना मुजफरुल्लाह, मौलाना इमरान, मौलाना नसीम, मौलाना अब्दुल्लाह सरवट, कारी खालिद व कोषाध्यक्ष मुफ्ती एनुद्दीन आदि के नामों के प्रस्ताव रखे जिसको सभी सदस्यों हाथो को उठाकर मंजूरी दी।
चुनाव प्रक्रिया के समापन पर प्रदेश सचिव मौलाना अब्दुल जलील क़ासमी सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को मुबारकबाद देते हुए कहा की अल्लाह करे इनसे बड़े बड़े काम ले और खिदमत करना हौसला और जज़्बा दे। मौलाना मुकर्रम अली कासमी ने जमीयत उलमा-ए-हिंद एक ऐतिहासिक संगठन है जिसने देश की आज़ादी में विशेष भूमिका निभाते हुए बड़ी कुर्बानी दी है।
उन्होंने सरकार द्वारा चलाये जा रहे बुलडोजर विचार रखते हुए कहा कि सरकार बुलडोकर चलाकर भय पैदा करना चाहती है जोकि गैर कानूनी है । मौलाना कासमी ने कहा की सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए 1 अक्टूबर 2024 तक बुलडोजर चलाने पर अंतरिम रोक लगाई है जोकि माननीय न्यायालय का फैसला स्वागत योग्य है। चुनावी सभा की अध्यक्षता चुनावी पर्यवेक्षक के तौर पर आये मौलाना अब्दुल जलील क़ासमी ने कहा की हमारे उलमा ने दारूल उलूम देवबंद व दूसरे मदरसो की बुनियाद को रखा गया और स्वतंत्रता की लड़ाई को मजबूती से लड़ा।
मौलाना ने कहा की हम लोगो को जमीयत उलमा-ए-हिंद जैसे प्लेट फॉर्म मिला है जो अपने शानदार इतिहास के लिए जाना जाता है। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया पर रोशनी डाली। चुनावी सभा में मौलाना अब्दुल खालिक ने जिले की सेकेट्री रिपोर्ट को सुनाते हुए जिले भर में जमीयत उलमा द्वारा किए गए कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
मौलाना मुकर्रम ने कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिन्द का दो साल का टर्म होता है तथा हर दो साल बाद टर्म पूरा होने पर सदस्यता अभियान चलाया जाता है जोकि सदस्यता अभियान 15 अगस्त 2024 को पूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि सदस्यता अभियान समाप्ति के बाद देश भर में यूनिटों को ओर ज्यादा सक्रिय मजबूत करने के लिये नये पदाधिकारियों का गठन किया जाता है इसी संबंध में ये चुनावी सभा का आयोजन किया गया है। आसिफ कुरैशी, मुफ्ती आजाद, हाफिज कामिल, मौलाना रिजवान, कारी खालिद, मुफ्ती निसात, हाफिज शेरदीन, हाफिज अल्लाह मेहर, मौलाना ज़ुबैर रहमानी, मौलाना अब्सुर्रहमन, मौलाना शान मुहम्मद, मौलाना अब्दुल कय्यूम, मौलाना मुदस्सिर, हाफिज कामिल, मौलाना इसराइल, मौलाना उमर अशरफी, मौलाना हातिम, मौलाना जिया उल हक़, हाफिज तहसीन, मौलाना मजहर,कारी मुहम्मद, हाफिज इरशाद, मुफ्ती दानिश व मुफ्ती मुजीबर्रहमान सहित आदि मौजूद रहे।
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